कुबेर की आरती करने के लाभ और सही विधि

कुबेर जी की आरती अपने आप को उनके चरणों में समर्पित करते हुए पढ़ने से निश्चित ही धन धान्य और सुख समृद्धि में बढ़ोतरी होती है और आपके जीवन की सभी परेशानियां दूर हो जाती हैं | साथ ही आप यदि लक्ष्मी जी की चालीसा भी करते है तो लक्ष्मी माँ का आशीर्वाद आप पर हमेशा बना रहता है | यदि आप सम्पूर्ण कुबेर जी की आरती हिंदी में पढ़ना चाहते है तो आप यहाँ पढ़ सकते हैं |

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ऊँ जै यक्ष कुबेर हरे, स्वामी जै यक्ष जै यक्ष कुबेर हरे ।

शरण पड़े भगतों के, भण्डार कुबेर भरे ॥

॥ ऊँ जै यक्ष कुबेर हरे, स्वामी जै यक्ष जै यक्ष कुबेर हरे ॥

शिव भक्तों में भक्त कुबेर बड़े, स्वामी भक्त कुबेर बड़े ।

दैत्य दानव मानव से, कई-कई युद्ध लड़े ॥

॥ ऊँ जै यक्ष कुबेर हरे, स्वामी जै यक्ष जै यक्ष कुबेर हरे ॥

स्वर्ण सिंहासन बैठे, सिर पर छत्र फिरे, स्वामी सिर पर छत्र फिरे ।

योगिनी मंगल गावैं, सब जय जय कार करैं ॥

॥ ऊँ जै यक्ष कुबेर हरे, स्वामी जै यक्ष जै यक्ष कुबेर हरे ॥

गदा त्रिशूल हाथ में, शस्त्र बहुत धरे, स्वामी शस्त्र बहुत धरे ।

दुख भय संकट मोचन, धनुष टंकार करें ॥

॥ ऊँ जै यक्ष कुबेर हरे, स्वामी जै यक्ष जै यक्ष कुबेर हरे ॥

भांति भांति के व्यंजन बहुत बने, स्वामी व्यंजन बहुत बने ।

मोहन भोग लगावैं, साथ में उड़द चने ॥

॥ ऊँ जै यक्ष कुबेर हरे, स्वामी जै यक्ष जै यक्ष कुबेर हरे ॥

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बल बुद्धि विद्या दाता, हम तेरी शरण पड़े, स्वामी हम तेरी शरण पड़े ।

अपने भक्त जनों के, सारे काम संवारे ॥

॥ ऊँ जै यक्ष कुबेर हरे, स्वामी जै यक्ष जै यक्ष कुबेर हरे ॥

मुकुट मणी की शोभा, मोतियन हार गले, स्वामी मोतियन हार गले ।

अगर कपूर की बाती, घी की जोत जले ॥

॥ ऊँ जै यक्ष कुबेर हरे, स्वामी जै यक्ष जै यक्ष कुबेर हरे ॥

यक्ष कुबेर जी की आरती, जो कोई नर गावे, स्वामी जो कोई नर गावे ।

कहत प्रेमपाल स्वामी, मनवांछित फल पावे ॥

॥ ऊँ जै यक्ष कुबेर हरे, स्वामी जै यक्ष जै यक्ष कुबेर हरे ॥

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कुबेर जी की आरती करने के क्या लाभ हैं?

कुबेर को धन का देवता माना गया है यदि आपको धनवान बनना है तो आपको कुबेर जी की पूजा अवश्य करनी चाहिए | भगवान कुबेर को शिव का परम सेवक भी माना जाता है इसलिए कुबेर जी के प्रसन्न  होने पर भोलेनाथ भी प्रसन्न होते हैं तथा भगवान कुबेर की आराधना करने वालों पर माँ लक्ष्मी की कृपा हमेशा बनी रहती है जिससे व्यक्ति के जीवन में धन धान्य का भी अभाव नहीं होता है |

कुबेर आरती करने से आपके पारिवारिक जीवन में समृद्धि तथा खुशियां आती हैं एवं प्रभु की आराधना करने पर भक्तों की मनोकामनाएं भी पूर्ण होती है | घर में खुशहाली के साथ समाज में भी मान-सम्मान बढ़ता है और आपका यश चारो तरफ फैलता है एवं सभी लोग आपको आदर भाव से देखते हैं |

कुबेर जी की पूजा करने की सही विधि क्या है?

कुबेर जी की पूजा को सही विधि से किया जाए तो भगवान कुबेर जल्दी प्रसन्न होते हैं तथा आप पर अपनी कृपा बरसाते हैं | 

सूर्योदय के समय नित्यक्रिया तथा स्नान आदि से निवृत्त होकर अपने पूजा स्थल पर पूर्व दिशा की और बैठ जाएं | अब आप कुबेर जी, गणेश जी तथा माँ लक्ष्मी की मूर्ति को स्वच्छ स्थान पर स्थापित करें | अगर आपके मंदिर में पहले से ही प्रभु की तस्वीर हैं तो उन पर गंगाजल से छींटे डालकर स्नान करवाएं |

अब कुबेर जी के सामने अपने आभूषण, गहने तथा कीमती वस्तुएं रखें अब सबसे पहले भगवान गणेश को प्रणाम करें | भगवान कुबेर तथा देवी लक्ष्मी का ध्यान करें | अब कुबेर जी को फूल, अक्षत, चन्दन, रोली तथा धूप आदि अर्पित करें | अब अपनी इच्छानुसार कोई भी मिठाई का भोग लगा सकते है | अब सच्चे मन से कुबेर जी का ध्यान करते हुए कुबेर चालीसा तथा आरती का पाठ करें और अंत में अपनी मनोकामना कहें और अपनी  मनोकामना पूर्ति की प्रार्थना करें | यदि पूजा में कोई गलती हुई तो उसके लिए क्षमा प्रार्थना करें और कृपा बरसाने का आग्रह करें |

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