Maa Lakshmi Chalisa | लक्ष्मी चालीसा का पाठ | Shri Laxmi Chalisa PDF in Hindi | Laxmi Chalisa Lyrics HIndi

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लक्ष्मी चालीसा को शांत मन के साथ, अपने आप को लक्ष्मी जी के चरणों में समर्पित करते हुए पढ़ने से निश्चित ही धन धान्य, कीर्ति में बढ़ोतरी होती है | इस पोस्ट को ज्यादा से ज्यादा शेयर करके पुण्य के भागी बनें तथा दूसरों को भी इसका लाभ लेने का मौका अवश्य दें | ( शेयर करने के लिए बटन नीचे अंत में दिए गए हैं | )

श्री लक्ष्मी चालीसा | Laxmi chalisa lyrics in hindi with image and pdf | Lakshmi chalisa in hindi

laxmi chalisa lyrics in hindi

|| दोहा ||

मातु लक्ष्मी करि कृपा करो हृदय में वास।
मनोकामना सिद्ध कर पुरवहु मेरी आस॥

॥ सोरठा॥

यही मोर अरदास, हाथ जोड़ विनती करुं।
सब विधि करौ सुवास, जय जननि जगदंबिका॥

॥ चौपाई ॥

सिन्धु सुता मैं सुमिरौ तोही। ज्ञान बुद्घि विघा दो मोही॥

श्री लक्ष्मी चालीसा

तुम समान नहिं कोई उपकारी। सब विधि पुरवहु आस हमारी॥
जय जय जगत जननि जगदंबा सबकी तुम ही हो अवलंबा॥  

तुम ही हो सब घट घट वासी। विनती यही हमारी खासी॥
जगजननी जय सिन्धु कुमारी। दीनन की तुम हो हितकारी॥

विनवौं नित्य तुमहिं महारानी। कृपा करौ जग जननि भवानी॥
केहि विधि स्तुति करौं तिहारी। सुधि लीजै अपराध बिसारी॥

कृपा दृष्टि चितववो मम ओरी। जगजननी विनती सुन मोरी॥
ज्ञान बुद्घि जय सुख की दाता। संकट हरो हमारी माता॥

क्षीरसिन्धु जब विष्णु मथायो। चौदह रत्न सिन्धु में पायो॥
चौदह रत्न में तुम सुखरासी। सेवा कियो प्रभु बनि दासी॥

जब जब जन्म जहां प्रभु लीन्हा। रुप बदल तहं सेवा कीन्हा॥
स्वयं विष्णु जब नर तनु धारा। लीन्हेउ अवधपुरी अवतारा॥

तब तुम प्रगट जनकपुर माहीं। सेवा कियो हृदय पुलकाहीं॥
अपनाया तोहि अन्तर्यामी। विश्व विदित त्रिभुवन की स्वामी॥

तुम सम प्रबल शक्ति नहीं आनी। कहं लौ महिमा कहौं बखानी॥
मन क्रम वचन करै सेवकाई। मन इच्छित वांछित फल पाई॥

तजि छल कपट और चतुराई। पूजहिं विविध भांति मनलाई॥
और हाल मैं कहौं बुझाई। जो यह पाठ करै मन लाई॥

ताको कोई कष्ट नोई। मन इच्छित पावै फल सोई॥
त्राहि त्राहि जय दुःख निवारिणि। त्रिविध ताप भव बंधन हारिणी॥

जो चालीसा पढ़ै पढ़ावै। ध्यान लगाकर सुनै सुनावै॥
ताकौ कोई न रोग सतावै। पुत्र आदि धन सम्पत्ति पावै॥

पुत्रहीन अरु संपति हीना। अन्ध बधिर कोढ़ी अति दीना॥
विप्र बोलाय कै पाठ करावै। शंका दिल में कभी न लावै॥

पाठ करावै दिन चालीसा। ता पर कृपा करैं गौरीसा॥
सुख सम्पत्ति बहुत सी पावै। कमी नहीं काहू की आवै॥

बारह मास करै जो पूजा। तेहि सम धन्य और नहिं दूजा॥
प्रतिदिन पाठ करै मन माही। उन सम कोइ जग में कहुं नाहीं॥

बहुविधि क्या मैं करौं बड़ाई। लेय परीक्षा ध्यान लगाई॥
करि विश्वास करै व्रत नेमा। होय सिद्घ उपजै उर प्रेमा॥

जय जय जय लक्ष्मी भवानी। सब में व्यापित हो गुण खानी॥
तुम्हरो तेज प्रबल जग माहीं। तुम सम कोउ दयालु कहुं नाहिं॥

मोहि अनाथ की सुधि अब लीजै। संकट काटि भक्ति मोहि दीजै॥
भूल चूक करि क्षमा हमारी। दर्शन दजै दशा निहारी॥

बिन दर्शन व्याकुल अधिकारी। तुमहि अछत दुःख सहते भारी॥
नहिं मोहिं ज्ञान बुद्घि है तन में। सब जानत हो अपने मन में॥

रुप चतुर्भुज करके धारण। कष्ट मोर अब करहु निवारण॥
केहि प्रकार मैं करौं बड़ाई। ज्ञान बुद्घि मोहि नहिं अधिकाई॥

॥ दोहा॥

त्राहि त्राहि दुख हारिणी, हरो वेगि सब त्रास। जयति जयति जय लक्ष्मी, करो शत्रु को नाश॥
रामदास धरि ध्यान नित, विनय करत कर जोर। मातु लक्ष्मी दास पर, करहु दया की कोर॥

लक्ष्मी अष्टकम का पाठ करने से माता आपकी सफलता में आने वाली हर बाधा को दूर कर देती हैं तथा आपके जीवन में खुशियां आती हैं |

Lakshmi chalisa video

Credit – sacredverses

Ques – लक्ष्मी चालीसा का पाठ करने से होने वाले लाभ क्या हैं ?

Ans – हिन्दू धर्म में माता लक्ष्मी को धन-धान्य की देवी माना गया है। धन-वैभव की देवी लक्ष्मी जी को शक्ति का रूप भी माना गया है | लक्ष्मी जी की श्रद्धा पूर्वक आराधना करने से मनुष्य को धन – धान्य तथा स्मृद्धि की प्राप्ति होती है। 

माँ लक्ष्मी की उपासना से वैवाहिक जीवन भी बेहतर होता है। और यदि आप धन की समस्या से गुजर रहे हों तो विधिवत लक्ष्मी माता की पूजा करने से निश्चित रूप से धन लाभ होता है।

Ques – लक्ष्मी चालीसा पढ़ने की सही विधि क्या हैं ?

Ans – लक्ष्मी की आराधना करने के लिए प्रातःकाल उठकर नित्य क्रिया से निर्वृत हो कर स्नान करें। स्नान करने के बाद श्वेत या गुलाबी वस्त्र धारण करें। अब पूजा स्थल पर माँ लक्ष्मी की तस्वीर या मूर्ति को साफ़ लाल रेशमी कपड़े पर रखें। देवी लक्ष्मी के साथ भगवान गणेश की भी एक तस्वीर या मूर्ति रखें।

यथाशक्ति कुमकुम, घी का दीपक, गुलाब की सुगंध वाली धुप, कमल का फूल, इत्र, चंदन, अबीर, गुलाल, अक्षत आदि से माँ लक्ष्मी की पूजा करें। माँ लक्ष्मी को खीर का भोग लगाएँ तथा सच्चे मन से श्री लक्ष्मी चालीसा का पाठ करें। अब अंत में माता लक्ष्मी की आरती करें।

यह बात जरूर ध्यान रखें की माँ सिर्फ भाव देखती हैं यदि आपका मन स्वच्छ नहीं है तो आप कितनी भी पूजा करें उसका कोई लाभ नहीं मिलेगा और मन स्वच्छ होने पर अगर आपके पास साधन की कोई कमी भी है तो भी कोई फरक नहीं पड़ता |

Ques – लक्ष्मी चालीसा किसने लिखा हैं ?

Ans – श्री लक्ष्मी चालीसा की रचना रामदास जी ने की थी। रामदास जी द्वारा रचित श्री लक्ष्मी चालीसा में कुल चालीस छंद हैं, यह सभी छंद धन की देवी लक्ष्मी जी को समर्पित हैं। इनमें लक्ष्मी माता की शक्तियों का बखान किया गया है जिससे सभी लोगों के दुख दूर हो जाते हैं । 

चालीसा का प्रत्येक छंद देवी की स्तुति करने के लिए समर्पित है। माँ लक्ष्मी धन, भाग्य और समृद्धि की देवी हैं। ऐसा मन जाता है कि देवी लक्ष्मी अपने भक्तों के सभी प्रकार के धन संबंधी परेशानियों को दूर करती हैं तथा सभी भक्तों को धन धान्य से परिपूर्ण हैं, इसीलिए माँ लक्ष्मी के भक्त उन्हें प्रसन्न करने के लिए श्री लक्ष्मी चालीसा का  पाठ करते हैं।

Laxmi chalisa image | Laxmi chalisa image free download

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Laxmi chalisa PDF | Laxmi chalisa PDF free download

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यहाँ लक्ष्मी जी का जन्म, चित्रण, स्वरुप तथा उनकी पूजा आदि के बारे में पूर्ण विस्तार से पढ़ें | अंत में हम आप सभी से गुजारिश करते हैं कि कृपया आप सभी भक्जन हमारे इस पेज को शेयर करके अनेक लोगों तक पहुंचाए जिससे जयादा से ज्यादा लोग इसका लाभ ले सकें | शेयर करने के लिए बटन नीचे अंत में दिए गए हैं | )

जय लक्ष्मी माता ||

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