श्री गणेश आरती | जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा | Ganesh Aarti Lyrics in Hindi With PDF | Ganesh Aarti PDF in Hindi

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गणेश आरती को शांत मन के साथ, अपने आप को प्रभु के चरणों में समर्पित करते हुए पढ़ने से निश्चित ही धन धान्य, कीर्ति में बढ़ोतरी होती है | इस पोस्ट को ज्यादा से ज्यादा शेयर करके पुण्य के भागी बनें तथा दूसरों को भी इसका लाभ लेने का मौका अवश्य दें | ( शेयर करने के लिए बटन नीचे अंत में दिए गए हैं | )

 श्री गणेश आरती | Ganesh aarti lyrics in hindi with image and pdf | Ganpati aarti in hindi

Ganesh aarti lyrics in hindi

॥ प्रारंभ॥

जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥

एक दंत दयावंत, चार भुजा धारी ।
माथे सिंदूर सोहे, मूसे की सवारी ॥

जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥

पान चढ़े फल चढ़े, और चढ़े मेवा ।
लड्डुअन का भोग लगे, संत करें सेवा ॥

जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥

गणेश अष्टकम का जाप भगवान गणेश को पाठक की भलाई, व्यापार और आजीविका में हर बाधा को दूर करने के लिए आमंत्रित करता है ।

अंधन को आंख देत, कोढ़िन को काया ।
बांझन को पुत्र देत, निर्धन को माया ॥

जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥

सूर’ श्याम शरण आए, सफल कीजे सेवा ।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥

जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥

॥ इति॥

Ganesh aarti video

Credit – T Series

Ques – गणेश जी की आरती करते समय किन-किन बातों का ध्यान रखना चाहिए ?

Ans – आरती शुरू करने से पहले 3 बार शंख बजाएं। शंख बजाते समय मुंह उपर की तरफ रखें। शंख को धीमे स्वर में शुरू करते हुए धीरे-धीरे स्वर को बढ़ाएं । 

आरती करते हुए ताली तथा घंटी एक लय में बजाएं | आरती गाते समय भी सुर और लय का ध्यान रखें । इसके साथ ही झांझ, मझीरा, तबला, हारमोनियम आदी वाद्य यंत्र भी बजा सकते हैं । आरती गाते समय शब्दों का शुद्ध उच्चरण करें।

Ques – गणेश जी को कैसे प्रसन्न किया जा सकता है ?

Ans – गणेश चतुर्थी के दिन भगवान गणेश जी के नामों का स्मरण करना चाहिए। मंदिर में विधि विधान से पूजा करते हुए भगवान गणेश के नाम लेने से भगवान प्रसन्न होते हैं।

भगवान गणेश को इस दिन घी और गुड़ तथा मोदक का भोग लगाएं, भोग के बारे में विस्तार से नीचे अगले प्रशन में बताया गया है । भोग लगाने से घर में आर्थिक रूप से खुशहाली आती है।

इस दिन भगवान गणेश को दूर्वा चढ़ानी चाहिए। संभव हो तो दूर्वा से भगवान गणेश की प्रतिमा बनाकर उनका पूजन भी किया जा सकता है ।

भगवान गणेश को सिंदूर का तिलक जरूर लगाना चाहिए। इसके बाद अपने माथे पर भी तिलक लगाना चाहिए।

Ques – गणेश जी को भोग क्या लगाना चाहिए ?

Ans – गणेश जी को मोदक या लड्डू बहुत पसंद हैं । मोदक भी कई तरह के बनते हैं। महाराष्ट्र में खासतौर पर गणेश पूजा के अवसर पर घर-घर में तरह-तरह के मोदक बनाए जाते हैं। मोदक के अलावा गणेशजी को मोतीचूर के लड्डू भी पसंद हैं। शुद्ध घी से बने बेसन के लड्डू तथा बूंदी के लड्डू भी अर्पित कर सकते हैं। नारियल, तिल और सूजी के लड्डू भी उनको अर्पित किए जाते हैं। गणेशजी को घी और गुड़ का भोग भी लगाया जा सकता है।

गणेश जी को दूर्वा चढ़ाने की परंपरा है। गणेश जी को दूर्वा बहुत ही प्रिय है। दूर्वा के ऊपरी हिस्से पर तीन या पांच पत्तियां हों तो बहुत ही उत्तम है। गणेशजी को केले भी बहुत पसंद है। उन्हें कभी भी एक केला ना अर्पित करके जोड़े से ही केले चढ़ाएं।

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जय गणेश ||

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