अंजनी माता चालीसा | Anjani Mata Chalisa | anjani mata chalisa lyrics in hindi

यदि आप सम्पूर्ण अंजनी माता चालीसा हिंदी में (Anjani mata chalisa in hindi) पढ़ना चाहते है तो आप यहाँ पढ़ सकते हैं | साथ ही साथ आप अंजनी माता चालीसा pdf (anjani mata chalisa in hindi PDF) को अपने फ़ोन तथा कंप्यूटर पर भी डाउनलोड कर सकते है।

अंजनी माता चालीसा को शांत मन के साथ, अपने आप को माता के चरणों में समर्पित करते हुए पढ़ने से निश्चित ही धन धान्य, कीर्ति में बढ़ोतरी होती है तथा सारे कष्ट दूर हो जाते हैं | इस पोस्ट को ज्यादा से ज्यादा शेयर करके पुण्य के भागी बनें तथा दूसरों को भी इसका लाभ लेने का मौका अवश्य दें | ( शेयर करने के लिए बटन नीचे अंत में दिए गए हैं | )

।। दोहा ।।

चैत्र सुदी वैसाख सुदी, जेष्ठ सुदी को जान।
आसाढ़ श्रावण सुदी, चौदस को पहचान।।

भादुड़ा आसौज की, और कार्तिक की सुदी।
सुदी मार्गशीर्ष और पौष की देती सबको बुद्धि ।।

फाल्गुन सुदी चतुर्दशी पूजे सब नरनार।
अंजनी माता आपका कारज देसी सार।।

।। चौपाई ।।

रिमझिम रिमझिम मेहा बर्षे।
मानो चन्दन फुहार दर्से ।।

इन्दर गाजे पवन पुरवायी।
सांची माता अंजनी आयी।।

देख मात को हनुमत हर्षे ।
चरण कमल में मस्तक स्पर्से ।।

चौकी चाँदी की सरकाई।
जिस पर बैठी अंजनी माई।

हाथ पसार गोंद बैठाया।
पुत्र प्रेम पय पान कराया।।

मस्तक पर मेला निज हाथ ।
भला करे राम रघुनाथ ।।

सिंहासन पर सालग्राम हैं।
कृष्ण चन्द्र लक्ष्मी जी बाम हैं।।

दर्शन करने इसका. आई।
आसन चौकी चाँदी पाई।।

माता कहे सुनो हनुमाना।
जो मन भावे माँगो वरदाना ।।

बोले हनुमान सुनो मेरी माई।
देवो वरदान सदा सुखदाई।।

सालासर नगरी के अन्दर।
बने मात का सुन्दर मन्दिर ।।

वचन दिया माता ने अपना।
बारह वर्ष का साँचा सपना।।

सुहाग भाग आनन्द की दाता।
सुमरो श्रीहनुमंत की माता।।

साँझ सवेरे ध्यान लगाओ।
मन इच्छा माँगो सो पाओ।।

हरो मात सब संकट दूषण।
आन चढ़ाऊँ सुवरण भूषण ।।

चीर बढ़ा अंजनी माता का।
है प्रताप अन धन दाता का।।

लगे दुहाई माता के चीर की।
रक्षा करे बालक के शरीर की।।

अंजनी माता रक्षा करेगी।
आप ताप संकट को हरेगी।।

जय जय अंजनी मात भवानी ।
जय कपि केशरी की पटरानी।।

जय जय गौतम ऋषि कुमारी |
जय जय मात जाऊँ बलिहारी।।

देखो माता पुत्र खिलावे।
अंगुली से घी चीनी चटावे ।।

केशरी राजा गिरा उचारे।
आओ मेरे प्राण पियारे।।

मीठी मीठी धरी मिठाई।
खड़ी पुकारे अंजना माई।।

करो कलेवा मेरे लाला।
पीवो अमृत बजरंग बाला ।।

पाटी लेकर पढ़बा जावो।
सूर्य देव से विद्या पाओ।।

अवधपति ने यज्ञ किया था।
अग्नि देव ने खीर दिया था।।

अंजनी माता आरती करने से मिलती है हनुमान जी की विशेष कृपा |

कौशल्या के जन्मे राम।
भरत कैकेयी के सुख धाम।।

लक्ष्मण और शत्रुध्न वीरा।
नित खेलें सरयू के तीरा।।

हनुमान की अंजनी माई।
कौशल्या माता मन भाई।।

कौशल्या के हनुमत प्यारा।
होय राम से कभी न न्यारा ।।

शंकर-सुत और पवन कुमारा।
बजरंगी है नाम तुम्हारा ।।

करि मात की कोख उजागर।
बल बुद्धि विद्या गुणसागर।।

ब्रह्म वंश जो सेवा करते।
ज्ञान भक्ति से हृदय भरते।।

मात अंजनी नाम अमर है।
क्षत्रिय ध्यावे जीत समर है।।

जपे सेठ अरु साहूकारा।
अन्न धन से सब भरे भंडारा ।।

चारों वर्ण माता को ध्यावें।
मात कृपा से वे सुख पावें।।

अंजनी माता का चालीसा।
मनसा पूरण विश्वा बीसा ।।

।। दोहा ।।

राजस्थान की भूमि में सालासर है ग्राम।
जहाँ प्रगटी मातेश्वरी, जग में जाहिर नाम।।

अंजनी माता की चालीसा से सम्बंधित प्रश्न !!

Ques – अंजनी माता को क्या भोग लगाया जाता है ?

Ans – अंजनी माता को खील, भुने चने तथा इलाइची दाना का भोग लगाया जाता है | इसी के साथ माँ के श्रृंगार का सारा सामान जैसे साड़ी, लिपिस्टिक, कंघी, नेलपॉलिश, बिंदी इत्यादि भी माँ को सभी सुहागनें चढ़ा सकती हैं |

Ques – अंजनी के लाल कौन हैं ?

Ans – अंजनी माता के लाल हनुमान जी हैं |

Ques – अंजनी माता की चालीसा का नियमित पाठ करने के क्या लाभ होते हैं ?

Ans – अंजनी माता की चालीसा का नियमित पाठ करने से सर्वप्रथम अंजनी माँ के साथ उनके लाल हनुमान जी की भी असीम कृपा आप पर बनी रहती है | इससे आपके जीवन में बहुत सकारात्मक परिवर्तन तथा खुशहाली आती है |

आप स्वस्थ, धन धान्य  से परिपूर्ण और समृद्ध जीवन व्यतीत करते हैं साथ ही साथ सभी प्रकार के भयों का नाश होता है एवं व्यक्ति के आत्मबल और साहस में वृद्धि होती है और घर में सुख, शांति एवं समृद्धि का बनी रहती है |

Ques – अंजनी माता की चालीसा को पढ़ने की सही विधि बताएं ?

Ans – अंजनी माता की चालीसा का पाठ सुबह के समय करना सबसे अच्छा होता है क्योंकि उस समय मन शांत होता है । पाठ शुरू करने से पहले नित्य क्रिया से निवृत होकर, स्नान करें । उसके बाद अपने घर के मंदिर के माता की प्रतिमा या तस्वीर के समक्ष धूप-दीप-अगरबत्ती जलाएं तत्पश्चात सामने बैठकर अंजनी चालीसा का पाठ करें ।

अंजनी माता की चालीसा का पाठ करने के बाद आप माँ को भोग लगाएं और प्रसाद को घर के सभी सदस्यों में बांटे तत्पश्चात स्वयं ग्रहण करें |

Ques – अंजनी माता की चालीसा पढ़ने का सही समय क्या है ?

Ans – माँ को आप किसी भी समय याद कर सकते हैं परन्तु फिर भी मंगलवार तथा शनिवार को चालीसा पाठ का विशेष लाभ होता है, वैसे सुबह का समय पाठ करने के लिए सबसे अच्छा बताया गया है |

अंजनी चालीसा image | Anjani mata chalisa image free download

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अंजनी चालीसा PDF | Anjani mata chalisa PDF free download

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यहाँ पढ़ें अंजनी माता की जन्म कहानी कैसे मिला एक अप्सरा को श्राप | अंत में हम आप सभी से गुजारिश करते हैं कि कृपया आप सभी भक्जन हमारे इस पेज को शेयर करके अनेक लोगों तक पहुंचाए जिससे ज्यादा से ज्यादा लोग इसका लाभ ले सकें | शेयर करने के लिए बटन नीचे अंत में दिए गए हैं | )

जय अंजनी माता ||

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