Shailputri Mata Aarti Lyrics in Hindi

सती पार्वती जब शैलराज की पुत्री के रूप में जन्मीं तब उनका नाम शैलपुत्री हुआ। पिछले जन्म की ही तरह इस जन्म में भी भगवान शिव ने उनसे विवाह किया। वे शक्ति-स्वरूपिणी हैं शैलपुत्री माता की आरती करने से भक्त का मन शांत हो जाता है | नवरात्रि के प्रथम दिन विशेष रूप से इनकी उपासना का विधान है। शैलपुत्री माता की पूजा करने से आपके सभी दुखों का नाश होता है।

शैलपुत्री मां बैल असवार |

करें देवता जय जयकार ||

शिव शंकर की प्रिय भवानी |

तेरी महिमा किसी ने ना जानी ||

पार्वती तू उमा कहलावे |

जो तुझे सिमरे सो सुख पावे ||

ऋद्धि-सिद्धि परवान करे तू |

दया करे धनवान करे तू ||

सोमवार को शिव संग प्यारी |

आरती तेरी जिसने उतारी ||

उसकी सगरी आस पुजा दो |

सगरे दुख तकलीफ मिटा दो ||

घी का सुंदर दीप जला के |

गोला गरी का भोग लगा के ||

श्रद्धा भाव से मंत्र गाएं |

प्रेम सहित फिर शीश झुकाएं ||

जय गिरिराज किशोरी अंबे |

शिव मुख चंद्र चकोरी अंबे ||

मनोकामना पूर्ण कर दो |

भक्त सदा सुख संपत्ति भर दो ||

मां शैलपुत्री की पूजा विधि क्या है?

  • नवरात्रि के प्रथम दिन सबसे पहले आप स्नान आदि से निवृत होकर स्वच्छ वस्त्र धारण करें | 
  • फिर चौकी को गंगाजल से साफ करके मां शैलपुत्री की फोटो स्थापित करें।
  • इसके बाद आप मां शैलपुत्री का ध्यान करें और व्रत का संकल्प लें | 
  • माता को कुमकुम और अक्षत लगाएं। 
  • इसके बाद सफेद, पीले या लाल फूल माता को अर्पित करें।
  • फिर आप माँ को फूल अर्पित करें | 
  • माता के सामने धूप और दीप जलाएं | 
  • इसके बाद माता की आरती करें |

माँ शैलपुत्री की आरती करने से क्या लाभ मिलता है?

  • जो लोग शैलपुत्री माता की स्तुति करते हैं और नवरात्रि के पहले दिन की आरती गाते हैं उन्हें शांति और लक्ष्यों को प्राप्त करने का उत्साह प्राप्त होता है।
  • मां शैलपुत्री की आरती को जो अत्यंत प्रेम और भक्ति के साथ गाते हैं, उन्हें यश, धन, ऐश्वर्य और मोक्ष की प्राप्ति होती है।
  • माँ शैलपुत्री की आरती को जो भी करता है तो उसका मन हमेशा प्रसन्न रहता है |

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