Kartikeya Ashtakam

भगवान कार्तिकेय अष्टकम करने से आपको जीवन में सफलता मिलती है | इस अष्टकम को करने से आपके सभी दुख दूर हो जाते है | यदि आप इस अष्टकम के साथ कार्तिकेय जी की आरती करते है तो आपको बहुत लाभ मिलता है |  

ॐ श्रीगणेशाय नमः

अगस्त्य उवाच-

नमोऽस्तु वृन्दारकवृन्दवन्द्यपादारविन्दाय सुधाकराय ।

षडाननायामितविक्रमाय गौरीहृदानन्दसमुद्भवाय ॥

नमोऽस्तु तुभ्यं प्रणतार्तिहन्त्रे कर्त्रे समस्तस्य मनोरथानाम् ।

दात्रे रथानां परतारकस्य हन्त्रे प्रचण्डासुरतारकस्य ॥

अमूर्तमूर्ताय सहस्रमूर्तये गुणाय गण्याय परात्पराय ।

अपारपाराय परापराय नमोऽस्तु तुभ्यं शिखिवाहनाय ॥

नमोऽस्तु ते ब्रह्मविदां वराय दिगम्बरायाम्बरसंस्थिताय ।

हिरण्यवर्णाय हिरण्यबाहवे नमो हिरण्याय हिरण्यरेतसे ॥

तपः स्वरूपाय तपोधनाय तपः फलानां प्रतिपादकाय ।

सदा कुमाराय हि मारमारिणे तृणीकृतैश्वर्यविरागिणे नमः ॥

नमोऽस्तु तुभ्यं शरजन्मने विभो प्रभातसूर्यारुणदन्तपङ्क्तये ।

बालाय चाबालपराक्रमाय षाण्मातुरायालमनातुराय ॥

मीढुष्टमायोत्तरमीढुषे नमो नमो गणानां पतये गणाय ।

नमोऽस्तु ते जन्मजरातिगाय नमो विशाखाय सुशक्तिपाणये ॥

सर्वस्य नाथस्य कुमारकाय क्रौञ्चारये तारकमारकाय ।

स्वाहेय गाङ्गेय च कार्तिकेय शैवेय तुभ्यं सततं नमोऽस्तु ॥

॥ इति स्कान्दे काशीखण्डतः श्रीकार्तिकेयाष्टकं सम्पूर्णम् ॥

कार्तिकेय अष्टकम का पाठ करने क्या लाभ मिलता है?

इस अष्टकम को करने से आप पर हमेशा कार्तिकेय जी की कृपा बनी रहती है | अगर सुबह के समय इस अष्टकम का पाठ करते है तो आपका पूरा दिन बहुत अच्छा जाता है और साथ ही मन शांत रहता है और परिवार में सुख समृद्धि बनी रहती है |  कार्तिकेय जी की पूजा करने से आप पर भगवान शिव का आशीर्वाद बना रहता है | 

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