Kartavirya Arjuna Dwadash Naam Stotram Lyrics in Hindi

कार्तवीर्यार्जुनो नाम राजा बाहुसहस्रवान् ।

तस्य स्मरणमात्रेण गतं नष्टं च लभ्यते ॥

कार्तवीर्यः खलद्वेषी कृतवीर्यसुतो बली ।

सहस्रबाहुः शत्रुघ्नो रक्तवासा धनुर्धरः ॥

रक्तगन्धो रक्तमाल्यो राजा स्मर्तुरभीष्टदः ।

द्वादशैतानि नामानि कार्तवीर्यस्य यः पठेत् ॥

सम्पदस्तत्र जायन्ते जनस्तत्र वशं गतः ।

आनयत्याशु दूरस्थं क्षेमलाभयुतं प्रियम् ॥

सहस्रबाहुसशरं महितं सचापं रक्ताम्बरं रक्तकिरीटकुण्डलम् ।

चोरादि-दुष्टभय-नाशं इष्टदं तं ध्यायेत् महाबल-विजृम्भित-कार्तवीर्यम् ॥

यस्य स्मरणमात्रेण सर्वदुःखक्षयो भवेत् ।

यन्नामानि महावीर्यश्चार्जुनः कृतवीर्यवान्᳚ ॥

हैहयाधिपतेः स्तोत्रं सहस्रावृत्तिकारितम् ।

वाञ्चितार्थप्रदं नृणां स्वराज्यं सुकृतं यदि ॥

॥ इति कार्तवीर्य द्वादशनाम स्तोत्रम् ॥

अर्जुनः कृतवीर्यस्य सप्तद्वीपेश्वरोऽभवत् ।

दत्तात्रेयाद्धरेरंशात् प्राप्तयोगमहागुणः ॥

कार्तिकेय स्त्रोत का पाठ करते हैं तो आपके सभी कष्ट दूर हो जाते है

न नूनं कार्तवीर्यस्य गतिं यास्यन्ति पार्तिवाः ।

यज्ञदानतपोयोगश्रुतवीर्यजयादिभिः ॥

पञ्चाशीतिसहस्राणि ह्यव्याहतबलःसमाः ।

अनष्टवित्तस्मरणो बुभुजेऽक्षय्यषड्वसु ॥

तस्य पुत्रसहस्रेषु पञ्चैवोर्वरिता मृधे ।

जयध्वजः शूरशेनो वॄषभो मधुरूर्जितः ॥

कार्तवीर्यः सहस्राक्षः कृतवीर्यसुतः बली ।

सहस्रबाहुः शत्रुघ्नः रक्तवासा धनुर्धरः ॥

रक्तगन्धो रक्तमाल्यः राजा स्मर्तुरभीष्टदः ।

द्वादशैतानि नामानि कार्तवीर्यस्य यः स्मरेत् ॥

अनष्टद्रव्यता तस्य नष्टस्य पुनरागमः ।

सम्पदस्तस्य जायन्ते जनास्तस्य वशो सदा ॥

॥ इति कार्तवीर्य द्वादशनाम स्तोत्रम् सम्पूर्णम् ॥

कार्तिवीर्यर्जुन द्वादश नामस्तोत्र का जाप किसे करना चाहिए?

जिन व्यक्तियों की जमीन अगर किसी व्यक्ति को किराये पर दी गई हो, ऋण किसी व्यक्ति को दिया गया हो, जो वापस नहीं आ रहा हो और उसकी आय का स्रोत नहीं बन पा रहा है उसे कार्तिवीर्यर्जुन द्वादश नामस्तोत्र का पाठ करना चाहिए।

कार्तिवीर्यर्जुन द्वादश नाम स्तोत्र  करने से क्या लाभ मिलता है?

  • जो कृतवीर्य के पुत्र महान अर्जुन के बारह नामों का स्मरण करता है, उसे समृद्धि की प्राप्ति होती है।
  • इस पाठ को करने से जातक की खोई हुई लक्ष्मी वापस आ जाती है।
  • इस स्त्रोत को 108 बार पढ़ने से खोई हुई वस्तु घर में मिल जाती है।
  • यदि आप सच्चे मन और पूरी श्रद्धा से इस पाठ को करेंगे तो आपको लाभ अवश्य मिलेगा |

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