Karni Chalisa | करणी चालीसा

करणी माता को साक्षात मां जगदम्बा का अवतार माना गया है | माता का प्रसिद्ध मंदिर राजस्थान के बीकानेर जिले के छोटे से शहर देशनोक में स्थित है | यह मंदिर चूहों का मन्दिर भी कहलाया जाता है। करणी माता को भक्तों की हर इच्छा पूर्ण करने वाला माना गया है | यदि भक्त सच्चे मन से करणी चालीसा का पाठ करें तो उनकी सभी इच्छाएं शीघ्र ही पूरी होती हैं |

सम्पूर्ण करणी माता चालीसा को आप नीचे पढ़ सकते हैं तथा PDF में download भी कर सकते हैं | इस पोस्ट को ज्यादा से ज्यादा शेयर करके पुण्य के भागी बनें तथा दूसरों को भी इसका लाभ लेने का मौका अवश्य दें |

करणी माता मंदिर का परिचय

यह करणी माता मंदिर चूहों वाला मंदिर के नाम से भी बहुत प्रसिद्ध है | मंदिर की भव्यता देखते ही बनती है यहाँ संगमरमर पर की गयी नक्काशी तथा चांदी के दरवाजे तथा सोने के छात्र बहुत आकर्षक लगते हैं | यहाँ लगभग 20,000 से 25,000 काले चूहे हैं | मंदिर के अंदर प्रवेश करते ही यह चूहे आप के आस पास से निकलने लगते हैं यहाँ तक की आपको कई बार तो चलने के लिए भी पैरों को घसीट कर चलना पड़ता है नहीं तो आप किसी चूहे के ऊपर पैर रख देंगे परन्तु यह चूहे किसी को भी नुकसान नहीं पहुंचाते |

सुबह तथा सायं की आरती के समय इन चूहों का हुजूम देखते ही बनता है | ऐसी मान्यता है की यदि आपको इन काले चूहों में यदि सफ़ेद चूहा दिख जाए तो बहुत ही शुभ होता है |

karni chalisa lyrics

— दोहा —

जय गणेश जय गज बदन, करण सुमंगल मूल।
करहू कृपा निज दास पर, रहहू  सदा अनूकूल॥

जय जननी जगदीश्वरी, कह कर बारम्बार।
जगदम्बा करणी सुयश, वरणउ मति अनुसार ॥

— चौपाई —

सूमिरौ जय जगदम्ब भवानी।
महिमा अकथन जाय बखानी॥ 1॥

नमो नमो मेहाई करणी।
नमो नमो अम्बे दुःख हरणी॥ 2॥

आदि शक्ति जगदम्बे माता।
दुःख को हरणि सुख कि दाता॥ 3॥

निरंकार है ज्योति तुम्हारी।
तिहूं लोक फैलि उजियारो॥ 4॥

जो जेहि रूप से ध्यान लगावे।
मन वांछित सोई फल पावे॥ 5॥

धौलागढ़ में आप विराजो।
सिंह सवारी सन्मुख साजो॥ 6॥

भैरो वीर रहे अगवानी।
मारे असुर सकल अभिमानी॥ 7॥

ग्राम सुआप नाम सुखकारी।
चारण वंश करणी अवतारी॥ 8॥

मुख मण्डल की सुन्दरताई।
जाकी महिमा कही न जाई॥ 9॥

जब भक्तों ने सुमिरण कीन्हा।
ताही समय अभय करि दीन्हा॥ 10॥

साहूकार की करी सहाई।
डूबत जल में नाव बचाई ॥ 11॥

जब कान्हे न कुमति बिचारी।
केहरि रूप धरयो महतारी॥ 12॥

मारयो ताहि एक छन मांई।
जाकी कथा जगत में छाई॥ 13॥

नेड़ी जी शुभ धाम तुम्हारो।
दर्शन करि मन होय सुखारो॥ 14॥

कर सौहै त्रिशूल विशाल।
गल राजे पुष्प की माला॥ 15॥

शेखोजी पर किरपा कीन्ही।
क्षुधा मिटाय अभय कर दीन्हा॥ 16॥

निर्बल होई जब सुमिरन कीन्हा।
कारज सबि सुलभ कर दीन्हा॥ 17॥

देशनोक पावन थल भारी।
सुन्दर मंदिर की छवि न्यारी॥ 18॥

मढ़ में ज्योति जले दिन राती।
निखरत ही त्रय ताप नशाती॥ 19॥

कीन्ही यहाँ तपस्या आकर।
नाम उजागर सब सुख सागर॥ 20॥

जय करणी दुःख हरणी मइया।
भव सागर से पार करइया॥ 21॥

बार बार ध्याऊं जगदम्बा।
कीजे दया करो न विलम्बा ॥ 22॥

धर्मराज नै जब हठ कीन्हा।
निज सुत को जीवित करि लीन्हा ॥ 23॥

ताहि समय मर्याद बनाई।
तुम पह मम वंशज नहि आई ॥ 24॥

मूषक बन मंदिर में रहि है।
मूषक ते पुनि मानुष तन धरि है ॥ 25॥

दिपोजी को दर्शन दीन्हा।
निज लिला से अवगत कीन्हा॥ 26॥

बने भक्त पर कृपा कीन्ही।
दो नैनन की ज्योति दीन्ही॥ 27॥

चरित अमित अति कीन्ह अपारा।
जाको यश छायो संसारा॥ 28॥

भक्त जनन को मात तारती।
मगन भक्त जन करत आरती॥ 29॥

भीड़ पड़ी भक्तों पर जब ही।
भई सहाय भवानी तब ही॥ 30॥

मातु दया अब हम पर कीजै।
सब अपराध क्षमा कर दीजे॥ 31॥

मोको मातु कष्ट अति घेरो।
तुम बिन कौन हरे दुःख मेरो॥ 32॥

जो नर धरे मात कर ध्यान।
ताकर सब विधि हो कल्याण॥ 33॥

निशि वासर पूजहिं नर-नारी।
तिनको सदा करहूं रखवारी॥ 34॥

भव सागर में नाव हमारी।
पार करहु करणी महतारी॥ 35॥

कंह लगी वर्णऊ कथा तिहारी।
लिखत लेखनी थकत हमारी॥ 36॥

पुत्र जानकर कृपा कीजै।
सुख सम्पत्ति नव निधि कर दीजै॥ 37॥

जो यह पाठ करे हमेशा।
ताके तन नहि रहे कलेशा॥ 38॥

संकट में जो सुमिरन करई।
उनके ताप मात सब हरई॥ 39॥

गुण गाथा गाऊं कर जोरे।
हरह मात सब संकट मोरे॥ 40॥

— दोहा —

आदि शक्ति अम्बा सुमिर, धरि करणी का ध्यान।
मन मंदिर में बास करो मैया, दूर करो अज्ञान ।।

karni mata chalisa video

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करणी माता से संबंधित कुछ प्रश्न !

Q1. चूहों के मंदिर के नाम से कौनसा मंदिर प्रसिद्ध है ?

Ans – यह चूहों का मंदिर राजस्थान राज्य के बीकानेर जिले में स्थित करणी माता का मंदिर प्रसिद्ध है | यहां पर 20  हजार से अधिक चूहे रहते हैं | यहाँ सबसे पहले चूहे ही माता के प्रसाद का भोग लगाते हैं तत्पश्चात यह भोग सभी श्रद्धालुओं में वितरित किया जाता है | इस मंदिर को चूहों वाली माता का मंदिर तथा चूहों का मंदिर भी कहा जाता है |

Q2. करणी माता के चूहों को क्या बोला जाता हैं ?

Ans – करणी माता को चूहों वाली देवी कहते हैं | यहां पर चूहों को काबा नाम से जाना जाता हैं | मंदिर में लगभग 20 – 25 हजार चूहे रहते हैं लेकिन ये किसी भी भक्त  को कोई नुकसान नहीं पहुंचाते बल्कि इन चूहों को सभी भक्त श्रद्धा से प्रणाम करते हैं |

Q3. करणी माता को किस माता का अवतार माना जाता है ?

Ans – करणी माता को माँ जगदम्बा का अवतार माना गया है |

karni chalisa PDF

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जय करणी माता ||