vaishno mata ki aarti lyrics | वैष्णो देवी आरती लिरिक्स

वैष्णो माता दुर्गा का रूप है | यदि आप माँ का सच्चे मन से जप करते है तो माता वैष्णो आपके सभी कष्टों को दूर करती है | यदि आप वैष्णो माता की आरती रोज करते है तो आपकी सभी इच्छाएं  पूरी होती है | अगर आप नवरात्रि के नौ दिनों सुबह और शाम आरती करते है तो इसका महत्व और बढ़ जाता है | इस आरती के करने से आपके व्यापार में लाभ होता है |

साथ ही यदि आप वैष्णो माँ के चरणों में पूर्णतः समर्पित होकर यह आरती करते है तो निश्चित ही धन धान्य, कीर्ति में बढ़ोतरी होगी |

Vaishno Devi Aarti


जय वैष्णवी माता,

मैया जय वैष्णवी माता ।

हाथ जोड़ तेरे आगे,

आरती मैं गाता ॥

॥ जय वैष्णवी माता॥

शीश पे छत्र विराजे,

मूरतिया प्यारी ।

गंगा बहती चरनन,

ज्योति जगे न्यारी ॥

॥ जय वैष्णवी माता॥

ब्रह्मा वेद पढ़े नित द्वारे,

शंकर ध्यान धरे ।

सेवक चंवर डुलावत,

नारद नृत्य करे ॥

॥ जय वैष्णवी माता॥

सुन्दर गुफा तुम्हारी,

मन को अति भावे ।

बार-बार देखन को,

ऐ माँ मन चावे ॥

॥ जय वैष्णवी माता॥

भवन पे झण्डे झूलें,

घंटा ध्वनि बाजे ।

ऊँचा पर्वत तेरा,

माता प्रिय लागे ॥

॥ जय वैष्णवी माता॥

पान सुपारी ध्वजा नारियल,

भेंट पुष्प मेवा ।

दास खड़े चरणों में,

दर्शन दो देवा ॥

॥ जय वैष्णवी माता॥

जो जन निश्चय करके,

द्वार तेरे आवे ।

उसकी इच्छा पूरण,

माता हो जावे ॥

॥ जय वैष्णवी माता॥

इतनी स्तुति निश-दिन,

जो नर भी गावे ।

कहते सेवक ध्यानू,

सुख सम्पत्ति पावे ॥

जय वैष्णवी माता,

मैया जय वैष्णवी माता ।

हाथ जोड़ तेरे आगे,

आरती मैं गाता ॥

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