जानें surya chalisa in hindi के लाभ, महत्व और कैसे करें

सूर्य चालीसा का पाठ करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है | इसका पाठ करने से आपके जीवन के सभी दुख दूर हो जाते हैं | सूर्य चालीसा का पाठ करने से अज्ञानता का अंधकार दूर होकर जीवन में ज्ञान का प्रकाश सर्वत्र फैलता है | यदि हर रविवार को सूर्य चालीसा करें तो बहुत ही लाभकारी होता है | इसका पाठ करने से मन शांत रहता है |

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surya chalisa in hindi

॥दोहा॥

कनक बदन कुण्डल मकर, मुक्ता माला अङ्ग।
पद्मासन स्थित ध्याइए, शंख चक्र के सङ्ग॥

॥चौपाई॥

जय सविता जय जयति दिवाकर।
सहस्त्रांशु सप्ताश्व तिमिरहर॥

भानु पतंग मरीची भास्कर।
सविता हंस सुनूर विभाकर॥ 

विवस्वान आदित्य विकर्तन।
मार्तण्ड हरिरूप विरोचन॥

अम्बरमणि खग रवि कहलाते।
वेद हिरण्यगर्भ कह गाते॥ 

सहस्त्रांशु प्रद्योतन, कहिकहि।
मुनिगन होत प्रसन्न मोदलहि॥

अरुण सदृश सारथी मनोहर।
हांकत हय साता चढ़ि रथ पर॥

मंडल की महिमा अति न्यारी।
तेज रूप केरी बलिहारी॥

उच्चैःश्रवा सदृश हय जोते।
देखि पुरन्दर लज्जित होते॥

मित्र मरीचि, भानु, अरुण, भास्कर।
सविता सूर्य अर्क खग कलिकर॥

पूषा रवि आदित्य नाम लै।
हिरण्यगर्भाय नमः कहिकै॥

द्वादस नाम प्रेम सों गावैं।
मस्तक बारह बार नवावैं॥

चार पदारथ जन सो पावै।
दुःख दारिद्र अघ पुंज नसावै॥

नमस्कार को चमत्कार यह।
विधि हरिहर को कृपासार यह॥

सेवै भानु तुमहिं मन लाई।
अष्टसिद्धि नवनिधि तेहिं पाई॥

बारह नाम उच्चारन करते।
सहस जनम के पातक टरते॥

उपाख्यान जो करते तवजन।
रिपु सों जमलहते सोतेहि छन॥

धन सुत जुत परिवार बढ़तु है।
प्रबल मोह को फंद कटतु है॥

अर्क शीश को रक्षा करते।
रवि ललाट पर नित्य बिहरते॥

सूर्य नेत्र पर नित्य विराजत।
कर्ण देस पर दिनकर छाजत॥

भानु नासिका वासकरहुनित।
भास्कर करत सदा मुखको हित॥

ओंठ रहैं पर्जन्य हमारे।
रसना बीच तीक्ष्ण बस प्यारे॥

कंठ सुवर्ण रेत की शोभा।
तिग्म तेजसः कांधे लोभा॥

पूषां बाहू मित्र पीठहिं पर।
त्वष्टा वरुण रहत सुउष्णकर॥

युगल हाथ पर रक्षा कारन।
भानुमान उरसर्म सुउदरचन॥

बसत नाभि आदित्य मनोहर।
कटिमंह, रहत मन मुदभर॥

जंघा गोपति सविता बासा।
गुप्त दिवाकर करत हुलासा॥

विवस्वान पद की रखवारी।
बाहर बसते नित तम हारी॥

सहस्त्रांशु सर्वांग सम्हारै।
रक्षा कवच विचित्र विचारे॥

अस जोजन अपने मन माहीं।
भय जगबीच करहुं तेहि नाहीं ॥

दद्रु कुष्ठ तेहिं कबहु न व्यापै।
जोजन याको मन मंह जापै॥

अंधकार जग का जो हरता।
नव प्रकाश से आनन्द भरता॥

ग्रह गन ग्रसि न मिटावत जाही।
कोटि बार मैं प्रनवौं ताही॥

मंद सदृश सुत जग में जाके।
धर्मराज सम अद्भुत बांके॥

धन्य-धन्य तुम दिनमनि देवा।
किया करत सुरमुनि नर सेवा॥

भक्ति भावयुत पूर्ण नियम सों।
दूर हटतसो भवके भ्रम सों॥

परम धन्य सों नर तनधारी।
हैं प्रसन्न जेहि पर तम हारी॥

अरुण माघ महं सूर्य फाल्गुन।
मधु वेदांग नाम रवि उदयन॥

भानु उदय बैसाख गिनावै।
ज्येष्ठ इन्द्र आषाढ़ रवि गावै॥

यम भादों आश्विन हिमरेता।
कातिक होत दिवाकर नेता॥

अगहन भिन्न विष्णु हैं पूसहिं।
पुरुष नाम रविहैं मलमासहिं॥

॥दोहा॥

भानु चालीसा प्रेम युत, गावहिं जे नर नित्य।
सुख सम्पत्ति लहि बिबिध, होंहिं सदा कृतकृत्य॥

surya chalisa in hindi video

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Credit : Pen Bhakti

सूर्य चालीसा से सम्बंधित प्रश्न !!

Q1. सूर्य चालीसा का पाठ कब और किस प्रकार करें ?

Ans. वैसे तो आप किसी भी दिन सूर्य चालीसा का पाठ कर सकते हैं परन्तु रविवार को सूर्य देव का दिन माना गया है इसलिए इस दिन किये गए पाठ का अपना अलग महत्व है | सूर्य चालीसा का पाठ आप  प्रातः काल या संध्याकाल में कभी भी कर सकते हैं | सूर्य चालीसा का पाठ करने के लिए सूर्योदय के समय नित्यक्रिया तथा स्नान आदि से निवृत होकर सबसे पहले सूर्य देव को जल अर्पण करें | तत्पश्चात सूर्य चालीसा का पाठ करें | चालीसा पाठ के उपरांत सूर्य देव की आरती अवश्य करें |

Q2. सूर्य चालीसा का पाठ करने से क्या लाभ होते हैं ?

Ans. सूर्य चालीसा का श्रद्धा से पाठ करने पर सूर्यदेव की कृपा प्राप्ति होती है | नित्य प्रति प्रातः काल में स्नान करने के पश्चात् सूर्यदेव को जल का अर्घ देने के पश्चात सूर्य चालीसा का पाठ करने से व्यक्ति को जीवन सफलता प्राप्त होती है वह सकारात्मकता से ओतप्रोत रहता है तथा अज्ञानता उससे कोसों दूर रहती है | इसी के साथ व्यक्ति को जीवन में सुख-शांति और समृद्धि की प्राप्ति तथा धन वैभव की कभी कमी नहीं होती | उसे हर प्रकार के रोगों तथा कष्टों से भी मुक्ति मिलती है |

Q3. सूर्य चालीसा का पाठ करने का क्या महत्व है ?

Ans. यदि आप सूर्य देव को सच्चे मन से ध्याते हो तो निश्चित ही सूर्य देव प्रसन्न होकर आपको सुख-समृद्धि और सेहत का आशीर्वाद प्रदान करेंगे तथा आपके जीवन से हर प्रकार के रोगों, कष्टों तथा दुखों का नाश कर देंगे | 

  • जैसा की हम सभी जानते हैं कि विश्व में जीवन का संचार सूर्य देव द्वारा ही किया जाता है तो यदि आप नित्य प्रति प्रातः काल में उगते सूरज को जल चढ़ाएँगे तथा सूर्य चालीसा का पाठ करेंगे तो निश्चित ही दिन दोगुनी, रात चौगुनी उन्नति करेंगे | 
  • सूर्य देव को इस विश्व की आत्मा माना गया है इसलिए सूर्यदेव की उपासना करने से यश तथा कीर्ति बढ़ती है | 
  • नित्य सूर्य चालीसा का पाठ करने से घर में सुख-समृद्धि आती है तथा हर कार्य में सफलता भी प्राप्त होती है | 
  • सूर्य देव की उपासना करते समय सूर्य चालीसा का पाठ करना बहुत ही लाभदायक माना गया है इससे आपके दांपत्य जीवन में खुशहाली का प्रसार होता है यह चालीसा पाठ हर तरह की सुख-संपत्ति और पुत्र – पुत्री की प्राप्ति की कामना को भी पूर्ण करता है

Surya Chalisa in hindi PDF

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जय सूर्य देव ||

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