सूर्य देव की आरती | surya aarti | surya dev ki aarti lyrics | surya aarti pdf

यदि आप सम्पूर्ण सूर्य आरती हिंदी में (surya aarti in hindi) पढ़ना चाहते है तो आप यहाँ पढ़ सकते हैं | साथ ही साथ आप सूर्य आरती pdf (surya aarti in hindi PDF) को अपने फ़ोन तथा कंप्यूटर पर भी डाउनलोड कर सकते है।

श्री सूर्य आरती को शांत मन के साथ, अपने आप को सूर्यदेव (surya dev) के चरणों में समर्पित करते हुए पढ़ने से निश्चित ही धन धान्य, कीर्ति में बढ़ोतरी होती है तथा सारे कष्ट दूर हो जाते हैं | इस पोस्ट को ज्यादा से ज्यादा शेयर करके पुण्य के भागी बनें तथा दूसरों को भी इसका लाभ लेने का मौका अवश्य दें | ( शेयर करने के लिए बटन नीचे अंत में दिए गए हैं | )

सूर्य आरती | surya aarti lyrics in hindi with image and pdf | surya aarti in hindi | surya dev ki aarti

Surya aarti lyrics

॥ ऊँ जय सूर्य भगवान, जय हो दिनकर भगवान ॥

जगत् के नेत्र स्वरूपा, तुम हो त्रिगुण स्वरूपा ।
धरत सब ही तव ध्यान, ऊँ जय सूर्य भगवान ॥

॥ ऊँ जय सूर्य भगवान, जय हो दिनकर भगवान ॥

सारथी अरूण हैं प्रभु तुम, श्वेत कमलधारी ।
तुम चार भुजाधारी ॥

अश्व हैं सात तुम्हारे, कोटी किरण पसारे ।
तुम हो देव महान ॥

॥ ऊँ जय सूर्य भगवान, जय हो दिनकर भगवान ॥

ऊषाकाल में जब तुम, उदयाचल आते ।
सब तब दर्शन पाते ॥

फैलाते उजियारा, जागता तब जग सारा ।
करे सब तब गुणगान ॥

॥ ऊँ जय सूर्य भगवान, जय हो दिनकर भगवान ॥

संध्या में भुवनेश्वर, अस्ताचल जाते ।
गोधन तब घर आते॥

गोधुली बेला में, हर घर हर आंगन में ।
हो तव महिमा गान ॥

सूर्य को जल देते हुए सूर्य नमस्कार मंत्र का जाप करें जो की मन और तन को शुद्ध करता हैं और साथ ही आपको आत्मिक शांति प्रदान करता हैं |

॥ ऊँ जय सूर्य भगवान, जय हो दिनकर भगवान ॥

देव दनुज नर नारी, ऋषि मुनिवर भजते ।
आदित्य हृदय जपते ॥

स्त्रोत ये मंगलकारी, इसकी है रचना न्यारी ।
दे नव जीवनदान ॥

॥ ऊँ जय सूर्य भगवान, जय हो दिनकर भगवान ॥

तुम हो त्रिकाल रचियता, तुम जग के आधार ।
महिमा तब अपरम्पार ॥

प्राणों का सिंचन करके, भक्तों को अपने देते ।
बल बृद्धि और ज्ञान ॥

॥ ऊँ जय सूर्य भगवान, जय हो दिनकर भगवान ॥

भूचर जल चर खेचर, सब के हो प्राण तुम्हीं ।
सब जीवों के प्राण तुम्हीं ॥

वेद पुराण बखाने, धर्म सभी तुम्हें माने ।
तुम ही सर्व शक्तिमान ॥

॥ ऊँ जय सूर्य भगवान, जय हो दिनकर भगवान ॥

पूजन करती दिशाएं, पूजे दश दिक्पाल ।
तुम भुवनों के प्रतिपाल ॥

ऋतुएं तुम्हारी दासी, तुम शाश्वत अविनाशी ।
शुभकारी अंशुमान ॥

॥ ऊँ जय सूर्य भगवान, जय हो दिनकर भगवान ॥

ऊँ जय सूर्य भगवान, जय हो दिनकर भगवान ।
जगत के नेत्र रूवरूपा, तुम हो त्रिगुण स्वरूपा ॥

धरत सब ही तव ध्यान, ऊँ जय सूर्य भगवान ॥s

Surya aarti video

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Credit – T Series

सूर्य देव की आरती से सम्बंधित प्रश्न !!

Ques – सूर्य आरती का पाठ कब और किस प्रकार करें ?

Ans – वैसे तो आप किसी भी दिन सूर्य आरती का पाठ कर सकते हैं परन्तु रविवार को सूर्य देव का दिन माना गया है इसलिए इस दिन किये गए पाठ का अपना अलग महत्व है | सूर्य आरती का पाठ आप  प्रातः काल या संध्याकाल में कभी भी कर सकते हैं | सूर्य आरती का पाठ करने के लिए सूर्योदय के समय नित्यक्रिया तथा स्नान आदि से निवृत होकर सबसे पहले सूर्य देव को जल अर्पण करें तत्पश्चात सूर्य चालीसा का पाठ करें | चालीसा पाठ के उपरांत सूर्य देव की आरती करें |

Ques – सूर्य आरती का पाठ करने से क्या लाभ होते हैं ?

Ans – श्री सूर्य आरती का श्रद्धा से पाठ करने पर सूर्यदेव की कृपा प्राप्ति होती है | नित्य प्रति प्रातः काल में स्नान करने के पश्चात् सूर्यदेव को जल का अर्घ देने के पश्चात सूर्य चालीसा तथा सूर्य आरती करने से व्यक्ति को जीवन सफलता प्राप्त होती है वह सकारात्मकता से ओतप्रोत रहता है तथा अज्ञानता उससे कोसों दूर रहती है | 

इसी के साथ व्यक्ति को जीवन में सुख-शांति और समृद्धि की प्राप्ति तथा धन वैभव की कभी कमी नहीं होती | उसे हर प्रकार के रोगों तथा कष्टों से भी मुक्ति मिलती है |

Ques – सूर्य आरती का पाठ करने का क्या महत्व है ?

Ans – यदि आप सूर्य देव को सच्चे मन से ध्याते हो तो निश्चित ही सूर्य देव प्रसन्न होकर आपको सुख-समृद्धि और सेहत का आशीर्वाद प्रदान करेंगे तथा आपके जीवन से हर प्रकार के रोगों, कष्टों तथा दुखों का नाश कर देंगे | 

  • जैसा की हम सभी जानते हैं कि विश्व में जीवन का संचार सूर्य देव द्वारा ही किया जाता है तो यदि आप नित्य प्रति प्रातः काल में उगते सूरज को जल चढ़ाएँगे तथा सूर्य आरती का पाठ करेंगे तो निश्चित ही दिन दोगुनी, रात चौगुनी उन्नति करेंगे | 
  • सूर्य देव को इस विश्व की आत्मा माना गया है इसलिए सूर्यदेव की उपासना करने से यश तथा कीर्ति बढ़ती है | 
  • नित्य सूर्यदेव आरती का पाठ करने से घर में सुख-समृद्धि आती है तथा हर कार्य में सफलता भी प्राप्त होती है | 
  • सूर्य देव की उपासना करते समय सूर्य चालीसा तथा सूर्य आरती का पाठ करना बहुत ही लाभदायक माना गया है इससे आपके दांपत्य जीवन में खुशहाली का प्रसार होता है यह आरती गाने से हर तरह की सुख-संपत्ति और पुत्र – पुत्री की प्राप्ति की कामना को भी पूर्ण करता है |

सूर्य आरती image | surya aarti image free download

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सूर्य आरती PDF | surya aarti PDF free download

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यहाँ पढ़ें सूर्य देव की अद्भुत शक्तियां, जन्म कहानी, रूप का चित्रण तथा उपासना के तरीके | अंत में हम आप सभी से गुजारिश करते हैं कि कृपया आप सभी भक्जन हमारे इस पेज को शेयर करके अनेक लोगों तक पहुंचाए जिससे ज्यादा से ज्यादा लोग इसका लाभ ले सकें | ( शेयर करने के लिए बटन नीचे अंत में दिए गए हैं | )

जय सूर्य देव ||

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