Shiv Tandav Stotram Lyrics | शिव तांडव स्तोत्र | Shiv Tandav Stotra

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शिव तांडव स्तोत्र को शांत मन के साथ, अपने आप को प्रभु के चरणों में समर्पित करते हुए पढ़ने से निश्चित ही धन धान्य, कीर्ति में बढ़ोतरी होती है | इस पोस्ट को ज्यादा से ज्यादा शेयर करके पुण्य के भागी बनें तथा दूसरों को भी इसका लाभ लेने का मौका अवश्य दें | ( शेयर करने के लिए बटन नीचे अंत में दिए गए हैं | )

ॐ नमः शिवाय ||

शिव तांडव स्तोत्र | Shiv tandav stotram lyrics in hindi with image and pdf | Shiv tandav stotra in hindi

Shiv tandav stotra lyrics

 जटाटवीगलज्जल प्रवाहपावितस्थले
गलेऽवलम्ब्य लम्बितां भुजंगतुंगमालिकाम्‌। 
डमड्डमड्डमड्डमनिनादवड्डमर्वयं
चकार चंडतांडवं तनोतु नः शिवः शिवम ॥

जटा कटा हसंभ्रम भ्रमन्निलिंपनिर्झरी ।
विलोलवी चिवल्लरी विराजमानमूर्धनि ।
धगद्धगद्ध गज्ज्वलल्ललाट पट्टपावके
किशोरचंद्रशेखरे रतिः प्रतिक्षणं ममं ॥

धरा धरेंद्र नंदिनी विलास बंधुवंधुर-
स्फुरदृगंत संतति प्रमोद मानमानसे ।
कृपाकटा क्षधारणी निरुद्धदुर्धरापदि
कवचिद्विगम्बरे मनो विनोदमेतु वस्तुनि ॥  

लिंगाष्टकम स्तोत्र को नित्य पढ़ने से जीवन से हर बीमारी तथा कलेश का नाश हो जाता है |

जटा भुजं गपिंगल स्फुरत्फणामणिप्रभा-
कदंबकुंकुम द्रवप्रलिप्त दिग्वधूमुखे ।
मदांध सिंधु रस्फुरत्वगुत्तरीयमेदुरे
मनो विनोदद्भुतं बिंभर्तु भूतभर्तरि ॥

सहस्र लोचन प्रभृत्य शेषलेखशेखर-
प्रसून धूलिधोरणी विधूसरांघ्रिपीठभूः ।
भुजंगराज मालया निबद्धजाटजूटकः
श्रिये चिराय जायतां चकोर बंधुशेखरः ॥

ललाट चत्वरज्वलद्धनंजयस्फुरिगभा-
निपीतपंचसायकं निमन्निलिंपनायम्‌ ।
सुधा मयुख लेखया विराजमानशेखरं
महा कपालि संपदे शिरोजयालमस्तू नः ॥

कराल भाल पट्टिकाधगद्धगद्धगज्ज्वल-
द्धनंजया धरीकृतप्रचंडपंचसायके ।
धराधरेंद्र नंदिनी कुचाग्रचित्रपत्रक-
प्रकल्पनैकशिल्पिनि त्रिलोचने मतिर्मम ॥

नवीन मेघ मंडली निरुद्धदुर्धरस्फुर-
त्कुहु निशीथिनीतमः प्रबंधबंधुकंधरः ।
निलिम्पनिर्झरि धरस्तनोतु कृत्ति सिंधुरः
कलानिधानबंधुरः श्रियं जगंद्धुरंधरः ॥ 

प्रफुल्ल नील पंकज प्रपंचकालिमच्छटा-
विडंबि कंठकंध रारुचि प्रबंधकंधरम्‌
स्मरच्छिदं पुरच्छिंद भवच्छिदं मखच्छिदं
गजच्छिदांधकच्छिदं तमंतकच्छिदं भजे ॥

अगर्वसर्वमंगला कलाकदम्बमंजरी-
रसप्रवाह माधुरी विजृंभणा मधुव्रतम्‌ ।
स्मरांतकं पुरातकं भावंतकं मखांतकं
गजांतकांधकांतकं तमंतकांतकं भजे ॥

जयत्वदभ्रविभ्रम भ्रमद्भुजंगमस्फुर-
द्धगद्धगद्वि निर्गमत्कराल भाल हव्यवाट्-
धिमिद्धिमिद्धिमि नन्मृदंगतुंगमंगल-
ध्वनिक्रमप्रवर्तित प्रचण्ड ताण्डवः शिवः ॥

दृषद्विचित्रतल्पयोर्भुजंग मौक्तिकमस्रजो-
र्गरिष्ठरत्नलोष्टयोः सुहृद्विपक्षपक्षयोः ।
तृणारविंदचक्षुषोः प्रजामहीमहेन्द्रयोः
समं प्रवर्तयन्मनः कदा सदाशिवं भजे ॥

कदा निलिंपनिर्झरी निकुजकोटरे वसन्‌
विमुक्तदुर्मतिः सदा शिरःस्थमंजलिं वहन्‌।
विमुक्तलोललोचनो ललामभाललग्नकः
शिवेति मंत्रमुच्चरन्‌कदा सुखी भवाम्यहम्‌॥

निलिम्प नाथनागरी कदम्ब मौलमल्लिका-
निगुम्फनिर्भक्षरन्म धूष्णिकामनोहरः ।
तनोतु नो मनोमुदं विनोदिनींमहनिशं
परिश्रय परं पदं तदंगजत्विषां चयः ॥

प्रचण्ड वाडवानल प्रभाशुभप्रचारणी
महाष्टसिद्धिकामिनी जनावहूत जल्पना ।
विमुक्त वाम लोचनो विवाहकालिकध्वनिः
शिवेति मन्त्रभूषगो जगज्जयाय जायताम्‌ ॥

इमं हि नित्यमेव मुक्तमुक्तमोत्तम स्तवं
पठन्स्मरन्‌ ब्रुवन्नरो विशुद्धमेति संततम्‌।
हरे गुरौ सुभक्तिमाशु याति नांयथा गतिं
विमोहनं हि देहना तु शंकरस्य चिंतनम ॥

पूजाऽवसानसमये दशवक्रत्रगीतं
यः शम्भूपूजनमिदं पठति प्रदोषे ।
तस्य स्थिरां रथगजेंद्रतुरंगयुक्तां
लक्ष्मी सदैव सुमुखीं प्रददाति शम्भुः ॥

Ques – शिव तांडव स्त्रोत पढ़ने के क्या लाभ हैं ?

Ans – शिव तांडव स्त्रोत का पाठ करने से अविश्वसनीय लाभ होते हैं जिनमे से कुछ निम्नलिखित हैं |

  • शिव तांडव स्त्रोत का पाठ करने से मन मस्तिष्क शांत रहता है और शिव की कृपा से जीवन में आने वाली सभी बाधाओं से मुक्ति मिलती है | जिस प्रकार शिव जी ने रावण के तांडव मंत्रो को सुन कर उसे माफ़ किया था और उसे कष्ट से मुक्त किया था उसी प्रकार यदि आप सभी तांडव मन्त्रों का जाप करेंगे तो सभी कष्टों से मुक्ति पा सकेंगे | 
  • शिव तांडव स्त्रोत के नियमित रूप से जाप करने से आपको स्वास्थ्य संबंधित रोगों से जल्द ही छुटकारा मिल जाता है | 
  • शिव तांडव स्त्रोत के जाप से प्रभु की कृपा होती है जिससे आप धनवान ततः गुणवान बन सकते हैं इससे जीवन में शांति आती है तथा मन प्रसन्न रहता है |

Ques – शिव तांडव स्तोत्र का पाठ कब और कैसे करें ?

Ans – प्रातः काल में शिव तांडव स्तोत्र का पाठ करना सर्वोत्तम माना गया है। इसका पाठ  शुरू करने से पहले नित्य क्रिया से निवृत होकर स्नान करने के बाद अपने पूजा स्थान पर बैठें और शिव जी को प्रणाम करके उन्हें धूप, दीप और नैवेद्य अर्पित करें। इसके बाद शिव तांडव स्तोत्र का पाठ करें। पाठ करने के बाद शिव जी का ध्यान करें और शिव से अपने लिए या जिस भी कार्य के लिए आप यह पाठ कर रहे हैं उसके लिए प्रार्थना करें।

Ques – शिव तांडव स्तोत्र में कितने श्लोक हैं?

Ans – शिव तांडव स्तोत्र में 17 श्लोक है।

Ques – शिव तांडव स्त्रोत के रचयिता कौन है?

Ans – शिव तांडव स्तोत्र के रचयिता महान विद्वान एवं परम शिवभक्त लंकाधिपति रावण है।

शिव तांडव स्तोत्र image | Shiv tandav stotra image free download

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ॐ नमः शिवाय ||

शिव तांडव स्तोत्र PDF | Shiv tandav stotra PDF free download

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ॐ नमः शिवाय ||

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ॐ नमः शिवाय ||

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