यदि आप शिव जी की आरती पढ़ना चाहते है तो आप यहाँ पढ़ सकते हैं | शिव जी की आरती को शांत मन के साथ, अपने आप को प्रभु के चरणों में समर्पित करते हुए पढ़ने से निश्चित ही धन धान्य, कीर्ति में बढ़ोतरी होती है तथा मन शांत रहता है |
॥ आरती ॥
जय शिव ओंकारा ॐ जय शिव ओंकारा ।
ब्रह्मा विष्णु सदा शिव अर्द्धांगी धारा ॥
॥ ॐ जय शिव ओंकारा ॥
एकानन चतुरानन पंचानन राजे ।
हंसानन गरुड़ासन वृषवाहन साजे ॥
॥ ॐ जय शिव ओंकारा॥
दो भुज चार चतुर्भुज दस भुज अति सोहे ।
त्रिगुण रूपनिरखता त्रिभुवन जन मोहे ॥
॥ ॐ जय शिव ओंकारा॥
अक्षमाला बनमाला रुण्डमाला धारी।
चंदन मृगमद सोहै भाले शशिधारी ॥
॥ ॐ जय शिव ओंकारा॥
श्वेताम्बर पीताम्बर बाघम्बर अंगे ।
सनकादिक गरुणादिक भूतादिक संगे ॥
शिव तांडव स्तोत्र को नित्य पढ़ने से मिलती है जीवन में सफलता एवं शत्रुओं का होता है नाश |
॥ ॐ जय शिव ओंकारा॥
कर के मध्य कमंडलु चक्र त्रिशूल धर्ता ।
जगकर्ता जगभर्ता जगसंहारकर्ता ॥
॥ ॐ जय शिव ओंकारा॥
ब्रह्मा विष्णु सदाशिव जानत अविवेका ।
प्रणवाक्षर मध्ये ये तीनों एका ॥
॥ ॐ जय शिव ओंकारा॥
काशी में विश्वनाथ विराजत नन्दी ब्रह्मचारी ।
नित उठि भोग लगावत महिमा अति भारी ॥
॥ ॐ जय शिव ओंकारा॥
त्रिगुण शिवजीकी आरती जो कोई नर गावे ।
कहत शिवानन्द स्वामी मनवांछित फल पावे ॥
॥ ॐ जय शिव ओंकारा॥
शिव पूजा तथा सोमवार को व्रत करने से क्या लाभ होता है?
ऐसा माना जाता है कि जो भी व्यक्ति सोमवार के दिन भगवान शिव की पूजा-अर्चना और व्रत करता है उसे भगवान शिव की विशेष कृपा प्राप्त होती है | शिव अपने भक्तों की सारी मनोकामनाएं पूरी करते हैं |
सोमवार का व्रत करने से जीवन से दुख, रोग, कलह, क्लेश और आर्थिक तंगी दूर होती है | जीवन में विवाह संबंधी कोई परेशानी है तो सोमवार का व्रत और पूजा करने से वह भी दूर हो जाती है |
सावन मास में शिव पूजा करने से क्या फल मिलता हैं ?
सावन मास का हर दिन अपने आप में खास होता है। इस महीने में सोमवार से रविवार, हर दिन शिव की पूजा का अपना अलग महत्व है। यहां हम आपको हर दिन की पूजा के महत्व के बारे में बताएंगे |
- रविवार को की गई शिव पूजा से पाप का नाश होता है।
- सोमवार को शिव पूजा करने से धन धान्य में वृद्धि होती है।
- मंगलवार को की गई शिव पूजा से बेहतर स्वास्थ्य प्राप्त होता है और रोगों का नाश होता है।
- बुधवार को शिव पूजा करने से पुत्र की प्राप्ति होती है।
- गुरुवार को शिव पूजा करने से लंबी उम्र मिलती है।
- शुक्रवार और शनिवार को की गई शिव पूजा से अपना जीवन सुखमय जीने के लिए हर तरह के सुखों की प्राप्ति होती है।
भोलेनाथ को कौन से फूल अर्पण करने चाहिए ?
शिव को कनेर और कमल के अलावा अन्य कोई भी लाल रंग का फूल प्रिय नहीं हैं | शिव को केतकी और केवड़े के फूल चढ़ाने का निषेध किया गया है |
यहाँ पढ़ें शिव से संबंधित अद्भुत प्रसंग तथा उन्हें जानें और गहराई से |
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