मां सरस्वती आरती के फायदे और जानें पूजा विधि

सरस्वती माता की आरती अगर आप पूरी आस्था के साथ माँ के चरणों में समर्पित करते हुए करते है तो निश्चित ही आपके परिवार में धन धान्य की बढ़ोतरी होती है तथा सारे दुःख दूर होते है और यदि आप गंगा माँ की आरती भी साथ पढ़ते हो तो आपको माँ गंगा का आशीर्वाद भी हमेशा मिलता है | आप सरस्वती माता की आरती हिंदी में पढ़ना चाहते है तो आप यहाँ पढ़ सकते हैं |

jai saraswati mata aarti

जय सरस्वती माता, मैया जय सरस्वती माता।

सदगुण वैभव शालिनी, त्रिभुवन विख्याता॥

॥ जय सरस्वती माता, जय जय सरस्वती माता ॥

चन्द्रवदनि पद्मासिनि, द्युति मंगलकारी।

सोहे शुभ हंस सवारी, अतुल तेजधारी॥

॥ जय सरस्वती माता, जय जय सरस्वती माता ॥

बाएं कर में वीणा, दाएं कर माला।

शीश मुकुट मणि सोहे, गल मोतियन माला॥

॥ जय सरस्वती माता, जय जय सरस्वती माता ॥

देवी शरण जो आए, उनका उद्धार किया।

पैठी मंथरा दासी, रावण संहार किया॥

॥ जय सरस्वती माता, जय जय सरस्वती माता ॥

विद्या ज्ञान प्रदायिनि, ज्ञान प्रकाश भरो।

मोह अज्ञान और तिमिर का, जग से नाश करो॥

॥ जय सरस्वती माता, जय जय सरस्वती माता ॥

धूप दीप फल मेवा, माँ स्वीकार करो।

ज्ञानचक्षु दे माता, जग निस्तार करो॥

॥ जय सरस्वती माता, जय जय सरस्वती माता ॥

अन्य सभी देवी देवताओं के बारे में पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें

माँ सरस्वती की आरती, जो कोई जन गावे।

हितकारी सुखकारी, ज्ञान भक्ति पावे॥

॥ जय सरस्वती माता, जय जय सरस्वती माता ॥

जय सरस्वती माता, जय जय सरस्वती माता।

सदगुण वैभव शालिनी, त्रिभुवन विख्याता॥

Saraswati Mata Aarti video hindi mein

सरस्वती आरती पढ़ने के क्या फायदे हैं?

सरस्वती माता की उपासना और सरस्वती आरती का नित्य पाठ करने से अनेकों लाभ मिलते हैं जिनमें से कुछ निम्नलिखित हैं:-

  1. नियमित तौर पर सरस्वती आरती की करने से भक्तों को ज्ञान व बुद्धि की प्राप्ति होती है |
  2. सरस्वती माता की आरती करने से अपने भक्तोओं को किसी भी प्रकार के भौतिक सुखों से वंचित नहीं रखती और साथ ही साथ अपने भक्तों के ज्ञान चक्षु खोल देती हैं |
  3. माँ अपने भक्तों को दुखी नहीं देख सकती इसलिए माता सरस्वती की आरती करने से सभी भक्तों को सुख व सौभाग्य की प्राप्ति होती है तथा भक्तजनों को उनके सभी कार्यो में सफलता प्राप्त होती है व विद्यार्थियों के उज्जवल भविष्य का निर्माण होता है।
  4. सरस्वती माँ की आरती करने से जातक अपना जीवन सुख और शांति से व्यतीत करता है |

मां सरस्वती की आरती तथा पूजा करने की सही विधि क्या है?

सूर्योदय के समय नित्यक्रिया तथा स्नान आदि से निवृत होकर अपने पूजा घर की साफ सफाई करें | अब आप सरस्वती माता की प्रतिमा के सामने बैठ जाएं । इसके बाद पूजा घर में कलश स्थापित करें और गणेश जी तथा नवग्रह की विधिवत पूजा करें | 

सरस्वती माता की पूजा करने से पहले उन्हें गंगा जल से स्नान कराएं | उसके बाद आप माता को फूल, सिन्दूर तथा अन्य श्रृंगार की वस्तुएं अर्पित करें और देवी सरस्वती को श्वेत वस्त्र पहनाएं। फिर आप सरस्वती चालीसा तथा आरती करें | अंत में भोग लगाकर प्रसाद परिवार के सभी सदस्यों में बाटें और स्वयं ग्रहण करें  |

अगर आपको BHAKTIPUJAHINDI.COM (Website) में पढ़ना अच्छा लगता है तो आप इसे सभी भक्जन SHARE करके अनेक लोगों तक पहुंचाए जिससे ज्यादा से ज्यादा लोग इसका लाभ ले सकें |