Navgrah Aarti Lyrics in Hindi

हिन्दू धर्म शास्त्रों में नव ग्रहों का वर्णन मिलता है जिन्हें अत्यंत महत्वपूर्ण बताया गया है। नव ग्रहों की दिशा और दशा व्यक्ति से जुड़ी होती है और उसके जीवन पर अच्छे-बुरे दोनों तरह के प्रभाव डालती है। नवग्रह सही स्थान पर हों तो व्यक्ति को अपार धन का स्वामी बना सकते हैं | इसके लिए यदि आप नवग्रह की आरती करते है तो आपके लिए बहुत लाभदायक होता है | 

नवग्रह आरती

आरती श्री नवग्रहों की कीजै ।
बाध, कष्ट, रोग, हर लीजै ॥

सूर्य तेज़ व्यापे जीवन भर ।
जाकी कृपा कबहुत नहिं छीजै ॥

रुप चंद्र शीतलता लायें ।
शांति स्नेह सरस रसु भीजै ॥

मंगल हरे अमंगल सारा ।
सौम्य सुधा रस अमृत पीजै ॥

बुद्ध सदा वैभव यश लीये ।
सुख सम्पति लक्ष्मी पसीजै ॥

विद्या बुद्धि ज्ञान गुरु से ले लो ।
प्रगति सदा मानव पै रीझे ॥

शुक्र तर्क विज्ञान बढावै ।
देश धर्म सेवा यश लीजे ॥

न्यायधीश शनि अति ज्यारे ।
जप तप श्रद्धा शनि को दीजै ॥

राहु मन का भरम हरावे ।
साथ न कबहु कुकर्म न दीजै ॥

स्वास्थ्य उत्तम केतु राखै ।
पराधीनता मनहित खीजै ॥

॥ इति श्री नवग्रह आरती संपूर्णम् ॥

Q1. नव ग्रह आरती को करने से क्या लाभ मिलता है?

Ans. नव ग्रह आरती करने से एक साथ सभी ग्रहों की पूजा हो जाती है। नव ग्रह आरती करने से व्यक्ति को ग्रह दोष से मुक्ति मिलती है। नव ग्रह आरती करने से व्यक्ति को हर ग्रह से जुड़े अंग के रोग से छुटकारा मिल जाता है। नव ग्रह आरती करने से विवाह, मकान, दुकान, नौकरी आदि चीजों में आ रही अड़चनें दूर हो जाती हैं।

Q2. नवग्रह आरती करने के क्या महत्व है?

Ans. नवग्रह आरती के साथ-साथ यदि नवग्रह स्तोत्र का भी पाठ किया जाए तो, नवग्रह आरती का बहुत लाभ मिलता है यह आरती शीघ्र ही फल देने लग जाती है, अगर साधक श्री नवग्रह आरती करते समय नवग्रह का माला से जाप करता है तो मनोवांछित कामना पूर्ण होती है | यदि आरती के साथ नवग्रह कवच का भी पाठ किया जाए तो स्वयं ही कार्य पूर्ण होने लगते है |

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