गणेश गायत्री मंत्र एक बहुत शक्तिशाली मंत्र है जिसके सही जाप के द्वारा किसी की किस्मत चमक सकती है | इस मंत्र का जाप बुधवार को करना अत्यंत फलदायी माना जाता है |
बुधवार को गणेश जी का दिन माना गया है, इस दिन गणेश जी की पूजा अर्चना की जाती है | इस दिन गणेश जी की पूजा के साथ उनके मंत्रों का जाप किया जाये तो बहुत लाभप्रद होता है | ऐसा माना जाता है की गणेश गायत्री मंत्र का जाप यदि 11 बुधवार 108 बार करें तो जातक के सभी कार्य बिना किसी विघ्न के संपन्न होते हैं तथा व्यक्ति के सभी भाग्य दोष दूर होते हैं |
गणेश जी के इस मंत्र को आप बुधवार को या प्रतिदिन भी कर सकते हैं | इससे विद्यार्थियों को विशेष लाभ प्राप्त होता है | यदि आप सम्पूर्ण गणेश गायत्री मंत्र पढ़ना चाहते है तो आप यहाँ पढ़ सकते हैं | साथ ही साथ आप गणेश गायत्री मंत्र pdf को अपने फ़ोन तथा कंप्यूटर पर भी डाउनलोड कर सकते है।
गणेश गायत्री मंत्र
एकदंताय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात्।।
महाकर्णाय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात्।।
गजाननाय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात्।।
गणेश गायत्री मंत्र से सम्बंधित प्रश्न !!
Q1. गणेश गायत्री मंत्र के जाप के क्या लाभ हैं?
Ans. इस गणेश गायत्री मंत्र के जाप से जीवन में एक नए सूर्य का उदय होता है, जातक की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं |
- इस मन्त्र के जाप से व्यक्ति को बल, बुद्धि तथा विद्या की प्राप्ति होती है।
- इन मंत्रों के प्रभाव से घर में सकारात्मक ऊर्जा का विकास होता है, तथा नकारात्मकता का नाश होता है।
- विद्यार्थियों को श्री गणेश गायत्री मन्त्र का जप करने से अध्ययन में विशेष लाभ होता है तथा चित्त एकाग्र हो जाता है ।
- इस मन्त्र के जप के फलस्वरूप मनुष्य पर आने वाली विपत्तियों का नाश होता है तथा जीवन में सफलता की प्राप्ति होती है ।
- गणेश जी की असीम कृपा से घर में धन-धान्य तथा सुख का वास होता है |
यदि आप भी गणेश जी की कृपा प्राप्त कर सुखी जीवन व्यतीत करना चाहते हैं तो श्री गणेश गायत्री मंत्र का पाठ अवश्य करें ।
Q2. गणेश गायत्री मंत्र के जाप की विधि क्या है?
Ans. वैसे तो मंत्र जाप यदि सच्चे मन से किया जाए तो उसका लाभ निश्चित ही प्राप्त होता है परन्तु यदि आप जाप को सही विधि से किया जाए तो उसके परिणाम कई गुणा ज्यादा तथा शीघ्र मिलते हैं | तो चलिए जानते हैं गणेश गायत्री मंत्र जाप की सही विधि |
- जिस दिन मंत्र जाप करना हो उस दिन सुबह सूर्योदय से पूर्व उठकर स्नान तथा नित्य क्रिया आदि से शीघ्र निवृत हो लें ।
- स्वच्छ वस्त्र धारण करें, इस दिन पीले या गेरुआ रंग के वस्त्र पहनना शुभ रहता है। यदि हो सके तो पीले वस्त्र ही पहनें |
- तत्पश्चात किसी मंदिर में जाएं, यदि संभव न हो तो घर में ही एक लकड़ी की चौकी पर पीला वस्त्र बिछाकर श्री गणेश भगवान की तस्वीर अथवा मूर्ति स्थापित को वहां रखें ।
- आसन पर बैठकर भगवान गणेश का आवाहन करें।
- उन्हें दीप, धुप, सिंदूर, दूर्वा, गंध, अक्षत, फूल, जनेऊ, सुपारी, पान, फल, आदि अर्पित करें।
- गणेश जी को दूर्वा बहुत प्रिय है, अतः उन्हें दूर्वा अवश्य अर्पित करें।
- अब श्री गणेश गायत्री मंत्र का जाप करें | कम से कम 21 बार और यदि हो सके तो 108 बार जाप अवश्य करें।
- जाप संपन्न होने पर श्री गणेश चालीसा का पाठ करें।
- तदोपरान्त श्री गणेश आरती करें।
- अन्त में श्री गणेश जी का आशीर्वाद ग्रहण कर स्वयं व परिवार हेतु मंगल कामना करें और यदि मन में कोई इच्छा या चिंता हो तो वह भी कह दें ।
- इस तरह से प्रतिदिन जाप करने पर कुछ ही दिनों में आपको सकारात्मक प्रभाव देखने को मिलेंगे ।
अगर इस तरह तरह से गणेश जी की पूजा की जाए तो व्यक्ति के सभी विघ्न और संकट खत्म हो जाते हैं। साथ ही भक्तों की सभी इच्छाएं भी पूरी होती हैं ।
Q3. गणेश गायत्री मंत्र जाप सत्र के दौरान किन बातों का ध्यान रखें?
Ans. इस मंत्र जाप के सत्र के समय अर्थात 11 बुधवार तक जातक को निम्न बातों का पूर्णता से पालन करना आवश्यक है | ऐसा करने से सकारात्मक परिणाम शीघ्र मिलते हैं |
- इस मंत्र के जाप के सत्र में ब्रह्मचर्य का पालन करना अनिवार्य है।
- इस पूरे समय में घर साफ सुथरा रखना चाहिए तथा इस समय को एक उत्सव की तरह मनाना चाहिए |
- इन दिनों घर में किसी भी प्रकार के नशे तथा मांसाहारी चीजों का सेवन प्रतिबंधित रहना चाहिए ।
- किसी के अहित के लिए इस मंत्र का जाप न करें।
गणेश गायत्री मंत्र PDF
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जय गणेश ||