Ganesh Chalisa lyrics in hindi – जानें गणेश चालीसा के लाभ और पूजा विधि

गणेश चालीसा को शांत मन के साथ, अपने आप को गणेश जी के चरणों में समर्पित करते हुए पढ़ने से निश्चित ही धन धान्य तथा कीर्ति में बढ़ोतरी होती है | गणेश जी की कृपा से आपकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं | इस चालीसा को प्रतिदिन पढ़ने से आपको सभी सुख प्राप्त होंगे |

इस पोस्ट को ज्यादा से ज्यादा शेयर करके पुण्य के भागी बनें तथा दूसरों को भी इसका लाभ लेने का मौका अवश्य दें | ( शेयर करने के लिए बटन नीचे अंत में दिए गए हैं | )

Ganesh Chalisa lyrics in hindi

दोहा॥

जय गणपति सदगुणसदन, कविवर बदन कृपाल।
विघ्न हरण मंगल करण, जय जय गिरिजालाल॥

चौपाई

जय जय जय गणपति गणराजू।
मंगल भरण करण शुभ काजू॥

जय गजबदन सदन सुखदाता।
विश्व विनायक बुद्घि विधाता॥

वक्र तुण्ड शुचि शुण्ड सुहावन।
तिलक त्रिपुण्ड भाल मन भावन॥

राजत मणि मुक्तन उर माला।
स्वर्ण मुकुट शिर नयन विशाला॥

पुस्तक पाणि कुठार त्रिशूलं।
मोदक भोग सुगन्धित फूलं॥

सुन्दर पीताम्बर तन साजित।
चरण पादुका मुनि मन राजित॥

धनि शिवसुवन षडानन भ्राता।
गौरी ललन विश्व-विख्याता॥

ऋद्घि-सिद्घि तव चंवर सुधारे।
मूषक वाहन सोहत द्घारे॥

कहौ जन्म शुभ-कथा तुम्हारी।
अति शुचि पावन मंगलकारी॥

एक समय गिरिराज कुमारी।
पुत्र हेतु तप कीन्हो भारी॥

भयो यज्ञ जब पूर्ण अनूपा।
तब पहुंच्यो तुम धरि द्घिज रुपा॥

अतिथि जानि कै गौरि सुखारी।
बहुविधि सेवा करी तुम्हारी॥

अति प्रसन्न है तुम वर दीन्हा।
मातु पुत्र हित जो तप कीन्हा॥

मिलहि पुत्र तुहि, बुद्धि विशाला।
बिना गर्भ धारण, यहि काला॥

गणनायक, गुण ज्ञान निधाना।
पूजित प्रथम, रुप भगवाना॥

अस कहि अन्तर्धान रुप है।
पलना पर बालक स्वरुप है॥

बनि शिशु, रुदन जबहिं तुम ठाना।
लखि मुख सुख नहिं गौरि समाना॥

सकल मगन, सुखमंगल गावहिं।
नभ ते सुरन, सुमन वर्षावहिं॥

शम्भु, उमा, बहु दान लुटावहिं।
सुर मुनिजन, सुत देखन आवहिं॥

लखि अति आनन्द मंगल साजा।
देखन भी आये शनि राजा॥

निज अवगुण गुनि शनि मन माहीं।
बालक, देखन चाहत नाहीं॥

गिरिजा कछु मन भेद बढ़ायो।
उत्सव मोर, न शनि तुहि भायो॥

कहन लगे शनि, मन सकुचाई।
का करिहौ, शिशु मोहि दिखाई॥

नहिं विश्वास, उमा उर भयऊ।
शनि सों बालक देखन कहाऊ॥

पडतहिं, शनि दृग कोण प्रकाशा।
बोलक सिर उड़ि गयो अकाशा॥

गिरिजा गिरीं विकल हुए धरणी।
सो दुख दशा गयो नहीं वरणी॥

हाहाकार मच्यो कैलाशा।
शनि कीन्हो लखि सुत को नाशा॥

तुरत गरुड़ चढ़ि विष्णु सिधायो।
काटि चक्र सो गज शिर लाये॥

बालक के धड़ ऊपर धारयो।
प्राण, मंत्र पढ़ि शंकर डारयो॥

नाम गणेश शम्भु तब कीन्हे।
प्रथम पूज्य बुद्घि निधि, वन दीन्हे॥

बुद्धि परीक्षा जब शिव कीन्हा।
पृथ्वी कर प्रदक्षिणा लीन्हा॥

चले षडानन, भरमि भुलाई।
रचे बैठ तुम बुद्घि उपाई॥

चरण मातु-पितु के धर लीन्हें।
तिनके सात प्रदक्षिण कीन्हें॥

धनि गणेश कहि शिव हिय हरषे।
नभ ते सुरन सुमन बहु बरसे॥

तुम्हरी महिमा बुद्ध‍ि बड़ाई।
शेष सहसमुख सके न गाई॥

मैं मतिहीन मलीन दुखारी।
करहुं कौन विधि विनय तुम्हारी॥

भजत रामसुन्दर प्रभुदासा।
जग प्रयाग, ककरा, दुर्वासा॥

अब प्रभु दया दीन पर कीजै।
अपनी शक्ति भक्ति कछु दीजै॥

श्री गणेश यह चालीसा।
पाठ करै कर ध्यान॥

नित नव मंगल गृह बसै।
लहे जगत सन्मान॥

दोहा॥

सम्वत अपन सहस्त्र दश, ऋषि पंचमी दिनेश।
पूरण चालीसा भयो, मंगल मूर्ति गणेश॥

Ganesh Chalisa lyrics in hindi video

अगर आप गणेश चालीसा की वीडियो देखना चाहते हैं तो नीचे क्लिक करें और आनंद लें |

गणेश चालीसा से सम्बंधित प्रश्न !!

Q1. गणेश चालीसा पढ़ने से क्या लाभ मिलते हैं ?

Ans. गणेश चालीसा पढ़ने के लाभ इस प्रकार हैं –

घर में सुख शांति बनी रहना

यदि आपके घर में हमेशा तनाव बना रहता है और हर रोज लड़ाई झगड़े या कलेश होता रहता है तो गणेश चालीसा का पाठ आपको जरूर करना चाहिए क्योंकि गणेश जी सुख तथा समृद्धि के दाता हैं इसीलिए प्रतिदिन गणेश चालीसा का पाठ करने से घर मे सुख, शांति एवं संपन्नता आती है।

विद्या के क्षेत्र में सफलता

गणेश चालीसा का नित्य पाठ करने से विद्यार्थियों का मन एकाग्रचित होता है जिससे उन्हें किसी भी विषय को आसानी से समझने तथा उसे याद रखने में आसानी होती है और विद्यार्थी ऊंचाइयों को प्राप्त कर सकते हैं । यदि आप किसी भी कॉम्पिटेटिव परीक्षा, सरकारी नौकरी और इंटरव्यू की तैयारी कर रहे हैं तो प्रतिदिन गणेश चालीसा का पाठ जरूर करें एवं बुधवार का व्रत करने से भी आपको लाभ होगा |

स्वस्थ एवं सुखी जीवन

नित्य गणेश चालीसा का पाठ करने से व्यक्ति पर श्री गणेश की असीम कृपा बनी रहती है तथा व्यक्ति सुखी एवं स्वस्थ रहता है। गणेश चालीसा का पाठ करने से कई प्रकार की स्वास्थ्य समस्याएं दूर होती हैं और मानसिक तनाव कम होता है जिससे मानसिक स्वास्थ्य में सुधार होता है और काम करने में मन लगता है।

धन-धान्य तथा समृद्धि की प्राप्ति

श्री गणेश रिद्धि सिद्धि के स्वामी हैं अगर गणेश जी की कृपा हो जाये तो जीवन में कभी भी धन की कमी नहीं होती एवं धन के साथ साथ समाज यश भी मिलता है। यहाँ हमारे समाज में बहुत से लोग ऐसे हैं जिनके पास धन की कोई कमी नहीं है परन्तु धन आने के साथ ही उनकी जीवन की शांति छिन गयी है | यदि आप गणेश चालीसा का पाठ करते है तो आपके जीवन में धन के साथ साथ सुख, शांति एवं समृद्धी का भी वास होगा। श्री गणेश जी की कृपा से व्यक्ति धन धान्य से परिपूर्ण तथा व्यक्ति दरिद्रता से कोसों दूर रहकर शांति से अपना जीवन यापन करता है |

Q2. गणेश चालीसा का पाठ करने की विधि क्या है ?

Ans. प्रातःकाल में उठकर, स्नान आदि से निवृत होकर स्वच्छ वस्त्र धारण करें | तत्पश्चात पूजा स्थल (घर के मंदिर) में गणेश जी की मूर्ति या तस्वीर को साफ करें | उन्हें हो सके तो गंगा जल अथवा साफ़ जल से स्नान करवाएं | अब यथासंभव मोदक, घी, धूप, दीप, फूल, रौली, मौली, चन्दन तथा दूर्वा से गणपती जी की साफ़ हृदय से पूजा करें | पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुख करके बैठे और श्री गणेश चालीसा का पाठ करें |

Ganesh Chalisa lyrics in hindi PDF

अगर आप गणेश चालीसा को PDF फॉर्मेट में डाउनलोड करना चाहते हैं तो नीचे दिए बटन पर क्लिक करें |

यहाँ पढ़ें गणेश की पूजा का महत्व तथा क्यों हैं वह सर्वप्रथम पूजनीय, साथ ही जानें और भी रोचक तथ्य | अंत में हम आप सभी से गुजारिश करते हैं कि कृपया आप सभी भक्जन हमारे इस पेज को शेयर करके अनेक लोगों तक पहुंचाए जिससे ज्यादा से ज्यादा लोग इसका लाभ ले सकें | शेयर करने के लिए बटन नीचे अंत में दिए गए हैं | )

जय गणेश ||

Related Posts: